रोहित शर्मा और मोहम्मद सिराज पर सवाल |
गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि प्रशंसकों को गहरी निराशा हुई। ऑस्ट्रेलिया ने 400 से अधिक का स्कोर खड़ा कर दिया, और भारतीय गेंदबाजी एवं कप्तानी सवालों के घेरे में आ गई। इस पोस्ट में, हम इस हार के पीछे छिपे प्रमुख कारणों पर चर्चा करेंगे और उन खिलाड़ियों की पहचान करेंगे जो भारतीय टीम के बोझ, निकम्मे और गुनहगार साबित हुए।
सबसे बड़ा बोझ: रोहित शर्मा की कप्तानी
रोहित शर्मा का नाम भारतीय टेस्ट टीम के सबसे बड़े बोझ के रूप में सामने आता है। उनकी कप्तानी की कमी गाबा में साफ झलकती है।
गलत रणनीतियां: ट्रेविस हेड ने लगातार दो टेस्ट में शतक जमाए, लेकिन रोहित कोई जवाब नहीं ढूंढ पाए।
क्रीज पर निर्बलता: उनकी बल्लेबाजी तो पहले से ही खराब रही है, लेकिन उनकी कप्तानी ने टीम को और पीछे धकेला।
वीरेंद्र सहवाग जैसे आक्रामक नेतृत्व की कमी: जब सामने विराट कोहली जैसे कप्तानों की तुलना हो, रोहित का नेतृत्व फीका लगने लगता है।
सबसे बड़े निकम्मे: मोहम्मद सिराज और रविंद्र जडेजा
भारतीय गेंदबाजी इकाई में कुछ खिलाड़ी टीम पर बोझ बन चुके हैं।
मोहम्मद सिराज: सिराज ने लंबे समय से ऐसी गेंदबाजी नहीं की जिससे विरोधी टीम के बल्लेबाजों को परेशानी हो। विकेट लेने के बजाय उनका ध्यान फालतू आक्रामकता और बदतमीजी दिखाने पर ज्यादा रहता है।
रविंद्र जडेजा: स्पिन पिचों पर चमकने वाले जडेजा विदेशी मैदानों पर नाकाम हो रहे हैं। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में संतुलन की कमी दिखी है।
गुनहगार: चयनकर्ता और प्रबंधन
अजीत अगरकर के नेतृत्व वाली चयन समिति और टीम मैनेजमेंट की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
खराब चयन: मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी गेंदबाज को नजरअंदाज करना और आकाशदीप जैसे अनुभवहीन खिलाड़ियों को मौका देना।
बुमराह पर निर्भरता: पूरी टीम जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन पर निर्भर नजर आती है। बाकी गेंदबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
कहां है टीम का सामूहिक प्रयास?
भारतीय टीम एकजुट होकर खेलने में असफल रही है। बल्लेबाजी में गहराई और गेंदबाजी में विविधता की कमी ने भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कमजोर बना दिया।
आठ बल्लेबाज खिलाने के बावजूद टीम बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहती है।
गेंदबाजी में सिर्फ बुमराह प्रदर्शन करते हैं, बाकी गेंदबाज विकेट निकालने में नाकाम साबित होते हैं।
क्या भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल के लायक है?
इस हार ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल के लिए वास्तव में तैयार है। गाबा टेस्ट में प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि टीम में गंभीर बदलावों की जरूरत है।
रोहित शर्मा की कप्तानी पर फिर से विचार होना चाहिए।
चयनकर्ताओं को टीम संतुलन पर ध्यान देना होगा।
अनुभवी खिलाड़ियों को प्राथमिकता देनी होगी।
गाबा टेस्ट में भारतीय टीम का प्रदर्शन न केवल निराशाजनक था, बल्कि इसने टीम प्रबंधन, चयन प्रक्रिया और नेतृत्व की कमजोरियों को भी उजागर कर दिया। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में और भी बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है।
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