Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

जयपुर-अजमेर हाईवे पर बड़ा हादसा: सरकारी लापरवाही की पोल खुली

जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए बड़े हादसे ने कई जिंदगियां लील लीं।
जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए बड़े हादसे ने कई जिंदगियां लील लीं।

जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए बड़े हादसे ने कई जिंदगियां लील लीं। अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, और कई घायलों का इलाज चल रहा है। हादसे ने न केवल परिवारों को दर्द में डाला है, बल्कि सरकारी लापरवाही को भी उजागर किया है।

एनएचएआई की गलती

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि हाईवे पर नियमों की अनदेखी हुई। नियम के मुताबिक, हाईवे पर हर 2 किलोमीटर के बाद कट होना चाहिए। लेकिन जहां यह हादसा हुआ, वहां केवल 700 मीटर की दूरी पर तीन कट हैं।

यह कट 2020 में बनाया गया था और इसे 2023 में बंद करना था। लेकिन यह समय पर बंद नहीं हुआ। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की थी कि यहां हादसे होते रहते हैं।

सुरक्षा में खामियां

हादसे वाली जगह पर कई समस्याएं थीं:

वहां कोई साइन बोर्ड नहीं था।

स्पीड ब्रेकर नहीं बनाए गए थे।

ट्रैफिक लाइटें खराब थीं।

कट स्कूल के पास था, जिससे खतरा और बढ़ गया।

गैस टैंकर हादसे की भयावहता

गैस टैंकर हादसे की भयावहता
गैस टैंकर हादसे की भयावहता

हादसे में एक गैस टैंकर भी शामिल था। टक्कर के बाद टैंकर से 18 टन गैस लीक हो गई। गैस ने आग पकड़ ली, और 200 फीट ऊंची लपटें उठीं। धमाके की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। इस हादसे में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी करणी सिंह राठौर भी मारे गए।

हाई कोर्ट और प्रशासन की सख्ती

जयपुर हाई कोर्ट ने पूछा है कि हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। सरकार ने एक जांच टीम बनाई है, जो हादसे की पूरी रिपोर्ट देगी।

जरूरी सवाल

1. क्या लापरवाह अधिकारियों को सजा मिलेगी?

2. क्या हाईवे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे?

यह हादसा प्रशासन की बड़ी गलती को दिखाता है। अब देखना होगा कि सरकार क्या कदम उठाती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ