मृतकों में शामिल कपिल की दर्दनाक कहानी |
20 दिसंबर, जयपुर:
एक सामान्य रात ने कुछ परिवारों के लिए कभी न भूलने वाला दर्दनाक अनुभव ला दिया। जयपुर के पास एक एलपीजी टैंकर और ट्रक की टक्कर के बाद हुए भीषण विस्फोट ने 14 जिंदगियां निगल लीं। हादसा इतना भयावह था कि कुछ ही क्षणों में इलाके में आग फैल गई, जिससे स्लीपर बस समेत आसपास खड़ी कई गाड़ियां जलकर राख हो गईं।
मृतकों में शामिल कपिल की दर्दनाक कहानी
इस हादसे में कई निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें कपिल नाम के एक युवक भी शामिल थे। कपिल जयपुर से अपने गांव लौटने के लिए स्लीपर बस में सवार हुए थे। उनके पिता ने बताया कि कपिल ने रात 9 बजे फोन कर सुबह 6 बजे घर पहुंचने की बात कही थी। लेकिन सुबह उनके इंतजार की घड़ियां कभी खत्म नहीं हुईं।
कपिल की बस भीषण आग की चपेट में आ गई। कई मुसाफिर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे, लेकिन कपिल उन बदकिस्मत लोगों में से थे जो इस हादसे का शिकार हो गए।
कपिल के पिता, जो एक साधारण किसान हैं और भेड़-बकरियां चराकर अपना गुजारा करते हैं, का कहना है कि यह हादसा उनके परिवार के लिए किसी अंधेरे की तरह है। कपिल के पीछे उनकी पत्नी, एक 6 साल की बेटी और 3.5 साल का बेटा रह गए हैं।
घटना का विवरण
यह हादसा तड़के उस समय हुआ, जब अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा एक एलपीजी टैंकर दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने ट्रक से टकरा गया। टक्कर इतनी भयानक थी कि टैंकर के नोजल टूट गए और 18 टन गैस लीक होने लगी। इसके तुरंत बाद जोरदार धमाका हुआ, जिसने टैंकर और आसपास की गाड़ियों को आग के गोले में तब्दील कर दिया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक:
हादसे में घायल 27 लोगों का इलाज किया जा रहा है।
7 लोग अभी भी वेंटिलेटर पर हैं।
25 लोग 75% से अधिक जल चुके हैं।
5 शवों की पहचान बुरी तरह जलने के कारण नहीं हो पाई है।
सरकार और प्रशासन से मांग
कपिल के पिता जैसे कई परिवार इस हादसे के कारण अपनी पूरी दुनिया खो चुके हैं। ऐसे में सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि वे पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दें और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
समाज और मीडिया की जिम्मेदारी
इस घटना ने समाज और प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जाए। मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है ताकि ऐसे हादसों के पीड़ितों को न्याय मिल सके।
यह हादसा केवल एक घटना नहीं, बल्कि कई परिवारों के सपनों के टूटने की कहानी है। उम्मीद है कि प्रशासन से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी न हो।
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