आर अश्विन के संन्यास पर बहस: सही समय या जल्दबाजी? |
भारत के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन के बीच सीरीज में संन्यास लेने के फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। जहां कुछ लोग उनके फैसले को व्यक्तिगत और सही मान रहे हैं, वहीं कई एक्सपर्ट्स और फैंस इसे जल्दबाजी बता रहे हैं।
सुनील गावस्कर का विचार
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अश्विन के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें सीरीज खत्म होने के बाद संन्यास लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, "सिलेक्टर्स ने उन्हें रणनीति के तहत चुना होगा। अगर कोई खिलाड़ी बीच में संन्यास लेता है, तो टीम के संतुलन पर असर पड़ता है। अश्विन को यह फैसला सीरीज के बाद लेना चाहिए था।"
गावस्कर ने एमएस धोनी का उदाहरण देते हुए कहा कि धोनी ने भी 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बीच टेस्ट से रिटायरमेंट लिया था। ऐसे फैसले से टीम को नई प्लानिंग करने का समय नहीं मिलता।
बासित अली का बयान
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने कहा कि अगर विराट कोहली टीम के कप्तान होते, तो अश्विन यह फैसला नहीं करते। उन्होंने कहा, "अश्विन और विराट कोहली के बीच एक मजबूत बॉन्ड है। विराट उन्हें मनाने में जरूर सफल होते। रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर को उन्हें समझाना चाहिए था कि यह सही समय नहीं है।"
फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स के सवाल
1. बीच सीरीज में फैसला क्यों?
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाकी दो टेस्ट मैच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के लिए अहम हैं। अश्विन का अनुभव टीम इंडिया के लिए बहुत जरूरी हो सकता था।
2. क्या यह भावनात्मक फैसला है?
कहा जा रहा है कि न्यूजीलैंड से 0-3 की हार के बाद अश्विन रिटायरमेंट पर विचार कर रहे थे। उन्होंने पर्थ में रोहित शर्मा से इस बारे में बात की थी।
क्या यह फैसला सही है?
अश्विन का योगदान भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य है। लेकिन उनके फैसले पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि यह सीरीज के बीच में लिया गया है। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत पसंद मानते हैं, जबकि अन्य इसे टीम के हित के खिलाफ बताते हैं।
आपकी राय क्या है?
क्या आर अश्विन ने सही समय पर संन्यास लिया, या उन्हें सीरीज खत्म होने तक इंतजार करना चाहिए था? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
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