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ऑस्ट्रेलिया में रन बनाना आसान नहीं है। यहां बल्लेबाजों को गेंद को ज्यादा से ज्यादा छोड़
ना सीखना पड़ता है। लेकिन विराट कोहली शुरुआत से हर गेंद को खेलने की कोशिश करते हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाती है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जानते हैं कि विराट कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर परेशानी होती है, और वो इसी रणनीति से उन्हें बार-बार फंसा रहे हैं।
आइए जानते हैं, विराट कोहली की बड़ी गलतियां और उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है।
हर गेंद खेलने की कोशिश
टेस्ट क्रिकेट में धैर्य रखना सबसे जरूरी होता है। शुरुआत में 30-40 गेंदें छोड़कर क्रीज पर जमना जरूरी है। लेकिन विराट कोहली जल्दी शॉट खेलने की कोशिश करते हैं, जिससे वह बार-बार आउट हो जाते हैं।
गलत हेड पोजीशन
कोच उत्तम मजूमदार ने बताया कि विराट का हेड पोजीशन सही नहीं है। शॉट खेलते वक्त उनका सिर पीछे की तरफ झुक रहा है, जिससे वह गेंद पर ठीक से नियंत्रण नहीं कर पा रहे। इससे उनकी ड्राइव कमजोर हो रही है।
पैरों की सही मूवमेंट नहीं
विराट का पैर गेंद के करीब नहीं जा रहा है। वे दूर से ही गेंद को खेलने की कोशिश कर रहे हैं। तेज गेंदबाज जैसे मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस इसका फायदा उठाकर उनकी कमजोरी को और बढ़ा रहे हैं।
जल्दबाजी में शॉट खेलना
विराट शुरुआत में ही तेजी से रन बनाने की कोशिश करते हैं। टेस्ट क्रिकेट में यह रणनीति काम नहीं करती। यहां आपको पहले गेंदबाजों को थकाना होता है, फिर अपना खेल दिखाना होता है।
गलत मानसिकता
टेस्ट मैच वनडे या टी20 की तरह नहीं होता, जहां हर गेंद पर रन बनाने की जरूरत हो। यहां लंबी पारियां खेलने के लिए धैर्य और सही रणनीति की जरूरत होती है।
विराट को क्या करना चाहिए?
शुरुआत में गेंद को छोड़ने की आदत डालें।
हेड पोजीशन और फुटवर्क पर काम करें।
पहले 30-40 गेंदें ध्यान से खेलें।
मानसिकता में बदलाव लाएं और लंबी पारी खेलने पर फोकस करें।
विराट कोहली एक महान बल्लेबाज हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में सफल होने के लिए उन्हें अपनी गलतियों पर काम करना होगा। उनके पास अभी भी पांच पारियां बाकी हैं। अगर वह सुधार करते हैं, तो बड़ी पारियां खेल सकते हैं।
आप विराट कोहली के प्रदर्शन और इस समस्या पर क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं!
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