आखिर कौन डिजर्व करता है चैंपियंस ट्रॉफी में मौका? |
भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है—चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया का दूसरा विकेटकीपर कौन होगा? केएल राहुल पहले से ही फर्स्ट चॉइस हैं, लेकिन दूसरे विकेटकीपर को लेकर बहस तेज हो गई है। संजू सैमसन और ऋषभ पंत के बीच तुलना हो रही है। दोनों के आंकड़ों की पड़ताल करते हुए यह जानने की कोशिश करते हैं कि वनडे फॉर्मेट में कौन बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
वनडे में आंकड़ों की जंग
संजू सैमसन:
मैच: 16
रन: 510
औसत: 56.6
स्ट्राइक रेट: 100 के करीब
ऋषभ पंत:
मैच: 31
रन: 871
औसत: 33.50
स्ट्राइक रेट: 106
इन आंकड़ों से साफ है कि औसत के मामले में संजू सैमसन ऋषभ पंत से कहीं बेहतर हैं। भले ही उनके खेले गए मैच कम हों, लेकिन उन्होंने मौके मिलने पर शानदार प्रदर्शन किया है।
टी20 में प्रदर्शन
संजू सैमसन:
मैच: 37
रन: 810
औसत: 28
स्ट्राइक रेट: 155+
ऋषभ पंत:
मैच: 76
रन: 1209
औसत: 23
स्ट्राइक रेट: 127+
यहां भी संजू सैमसन का औसत और स्ट्राइक रेट, दोनों ऋषभ पंत से बेहतर हैं।
शतक और निरंतरता
संजू सैमसन ने वनडे में मुश्किल हालात में रन बनाए हैं और उनका औसत स्थिरता को दर्शाता है। वहीं, ऋषभ पंत ने अब तक वनडे और टी20 में एक भी शतक नहीं लगाया है, जबकि संजू सैमसन के खाते में टी20 फॉर्मेट में 3 शतक हैं।
संजू के पक्ष में क्या है?
1. स्थिरता और गंभीरता: संजू सैमसन अपने विकेट की कीमत समझते हैं और आसानी से आउट नहीं होते।
2. मौकों का फायदा: सीमित मौकों के बावजूद उन्होंने प्रदर्शन से खुद को साबित किया है।
3. बेहतर आंकड़े: वनडे और टी20 दोनों में औसत और स्ट्राइक रेट के मामले में ऋषभ पंत से बेहतर।
ऋषभ पंत के पक्ष में क्या है?
1. अनुभव के मामले में ऋषभ पंत ने ज्यादा मैच खेले हैं।
2. बड़े शॉट्स खेलने की क्षमता, लेकिन निरंतरता की कमी है।
नतीजा: आंकड़े क्या कहते हैं?
"स्टैट्स डोंट लाई"—संजू सैमसन के आंकड़े साफ तौर पर ऋषभ पंत से बेहतर हैं। चाहे औसत हो, स्ट्राइक रेट हो, या मैच परिस्थितियों में प्रदर्शन—संजू ने हर पैमाने पर खुद को साबित किया है।
क्या टीम मैनेजमेंट को ऋषभ पंत पर भरोसा करना चाहिए या संजू सैमसन को मौका मिलना चाहिए?
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