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टीम इंडिया की हार से खत्म हुआ सिडनी टेस्ट, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी हाथ से गई

सिडनी टेस्ट मैच में भारत की हार ने न केवल यह मुकाबला गंवाया
सिडनी टेस्ट मैच में भारत की हार ने न केवल यह मुकाबला गंवाया

सिडनी टेस्ट मैच में भारत की हार ने न केवल यह मुकाबला गंवाया, बल्कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर भी ऑस्ट्रेलिया का कब्जा हो गया। भारत ने इस सीरीज का पहला मुकाबला जीता था, लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने लगातार तीन मैच जीतकर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया।

सीरीज का निराशाजनक अंत

साल 2016-17 से भारत लगातार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतता आ रहा था, लेकिन इस बार ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम का विजय रथ रोक दिया। भारत का ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज की हैट्रिक बनाने का सपना भी टूट गया।

मैच का पूरा हाल

पहली पारी में भारत ने 185 रन बनाए, लेकिन शानदार गेंदबाजी के दम पर ऑस्ट्रेलिया को 181 रन पर समेट दिया। चार रनों की बढ़त के साथ भारत के पास मैच में मजबूत स्थिति बनाने का मौका था। हालांकि, दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज पूरी तरह फ्लॉप रहे और पूरी टीम 157 रनों पर ढेर हो गई।

दूसरी पारी में ऋषभ पंत (61 रन) के अलावा कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं सका। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, और रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गज नाकाम रहे। भारतीय बल्लेबाजों के इस प्रदर्शन ने मैच का रुख बदल दिया।

ऑस्ट्रेलिया की आसान जीत

ऑस्ट्रेलिया को 162 रनों का लक्ष्य मिला, जिसे उसने तीसरे दिन उस्मान ख्वाजा, ट्रैविस हेड और ब्यू वेबस्टर की शानदार पारियों के दम पर आसानी से हासिल कर लिया।

जसप्रीत बुमराह की कमी खली

इस हार में सबसे बड़ी कमी जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी रही। दूसरे दिन पीठ में चोट लगने के कारण बुमराह तीसरे दिन गेंदबाजी नहीं कर सके, जिसका फायदा ऑस्ट्रेलिया ने उठाया। भले ही प्रसिध कृष्णा और सिराज ने शानदार गेंदबाजी की, लेकिन अकेले दम पर वे मैच नहीं बचा सके।

निराशाजनक बल्लेबाजी प्रदर्शन

दूसरी पारी में भारतीय टीम 141/4 से 157 पर ऑलआउट हो गई। सिर्फ 16 रन जोड़ने में पूरी टीम पवेलियन लौट गई। अगर भारतीय बल्लेबाज थोड़ा और योगदान देते, तो यह मुकाबला रोमांचक हो सकता था।

सीरीज हार का सबक

यह हार भारतीय टीम के लिए कई सवाल खड़े करती है। टीम इंडिया को अपने बल्लेबाजी क्रम और फिनिशिंग स्किल्स पर काम करना होगा। जसप्रीत बुमराह जैसे अहम खिलाड़ियों की फिटनेस सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी है।

भारत के दिग्गज खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन और ऑस्ट्रेलिया की शानदार रणनीति के चलते यह सीरीज ऑस्ट्रेलिया के नाम हो गई। अब भारतीय टीम को आगे की चुनौतियों के लिए खुद को मजबूत करना होगा।

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