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चेन्नई में मोहम्मद शमी का खेलना मुश्किल, जानिए क्यों! |
पिच का मिजाज और टीम की रणनीति:
चेन्नई के एम. ए. चिदंबरम स्टेडियम में 25 जनवरी को भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टी-20 मुकाबला खेला जाएगा। चेन्नई की पिच को आमतौर पर स्पिनर्स की मददगार माना जाता है, और इसी वजह से मोहम्मद शमी का प्लेइंग 11 में शामिल होना मुश्किल लग रहा है। पहले टी-20 में कोलकाता की तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर भी शमी को मौका नहीं मिला, और अब चेन्नई की धीमी और स्पिनिंग ट्रैक पर उनकी जगह और भी कम होती नजर आ रही है।
स्पिनर्स का बोलबाला:
चेन्नई की पिच स्पिनर्स के लिए अनुकूल मानी जाती है। टीम इंडिया ने कोलकाता में तीन स्पिनर्स के साथ खेला था, और कप्तान सूर्यकुमार यादव ने यह स्पष्ट किया था कि यह रणनीति आगे भी जारी रहेगी। अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती ने कोलकाता में शानदार प्रदर्शन किया, जबकि रवि बिश्नोई को विकेट नहीं मिली, फिर भी उनके शामिल होने की संभावना प्रबल है।
तेज गेंदबाजों की सीमित भूमिका:
तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी एक बार फिर हार्दिक पांड्या और अर्शदीप सिंह के कंधों पर रहेगी। इन दोनों ने पहले टी-20 में अच्छा प्रदर्शन किया था, और चेन्नई की धीमी पिच पर भी टीम प्रबंधन इन्हीं पर भरोसा जताएगा।
पिच का विश्लेषण:
चेन्नई में अब तक कुल 85 टी-20 मुकाबले खेले गए हैं। इनमें से 49 मैच पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीते हैं, जबकि 36 मैच दूसरी पारी में चेस करने वाली टीम के नाम रहे। हाईएस्ट स्कोर 246 रन रहा है, और लोएस्ट 70। ऐसे में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करना होगा, क्योंकि पिच के धीमे होने और ओस की वजह से दूसरी पारी में बल्लेबाजी आसान नहीं होगी।
संभावित प्लेइंग 11:
टीम इंडिया की संभावित प्लेइंग 11 में अभिषेक शर्मा और संजू सैमसन ओपनिंग करेंगे। तिलक वर्मा, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पांड्या, ऋतुराज गायकवाड़, अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, अर्शदीप सिंह, और वरुण चक्रवर्ती को जगह मिलेगी। मोहम्मद शमी का नाम इस सूची में शायद शामिल नहीं होगा।
क्या कहती हैं आंकड़े:
चेन्नई के मैदान पर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को बढ़त मिल सकती है। अगर टीम इंडिया 200+ स्कोर खड़ा कर पाती है, तो इंग्लैंड के लिए वापसी करना मुश्किल होगा। लेकिन अगर स्कोर कम रहा, तो इंग्लैंड के पास वापसी का मौका रहेगा।
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