![]() |
सिद्धार्थ देसाई ने रणजी में रचा इतिहास: 36 रन देकर 9 विकेट! |
गुजरात के बाएं हाथ के स्पिनर सिद्धार्थ देसाई ने रणजी ट्रॉफी में ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो आज तक गुजरात की तरफ से कोई और खिलाड़ी नहीं कर पाया। उत्तराखंड के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने सिर्फ 36 रन देकर 9 विकेट चटकाए और इतिहास रच दिया। यह प्रदर्शन गुजरात की रणजी ट्रॉफी के इतिहास का सबसे बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन बन गया है।
कैसे रचा इतिहास?
उत्तराखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में सिद्धार्थ देसाई ने अपनी खतरनाक स्पिन गेंदबाजी से विपक्षी बल्लेबाजों को नाचने पर मजबूर कर दिया। 24 वर्षीय इस युवा गेंदबाज ने लगातार लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करते हुए 36 रन देकर 9 विकेट अपने नाम किए। यह न केवल गुजरात के लिए बल्कि रणजी ट्रॉफी के इतिहास में भी एक यादगार प्रदर्शन है। अगर उनका एक साथी गेंदबाज एक विकेट नहीं लेता, तो सिद्धार्थ एक पारी में 10 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन सकते थे। हालांकि, 9 विकेट लेना भी अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है।
कौन हैं सिद्धार्थ देसाई?
सिद्धार्थ देसाई गुजरात के एक होनहार और उभरते हुए गेंदबाज हैं। बचपन से ही क्रिकेट में उनका रुझान था। उन्होंने गुजरात के लिए अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 स्तर पर क्रिकेट खेला और अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया। रणजी ट्रॉफी में वह लंबे समय से गुजरात के लिए खेल रहे हैं और हर सीजन में अपने प्रदर्शन से टीम के लिए अहम योगदान देते रहे हैं।
प्रथम श्रेणी करियर: 36 मैच, 159 विकेट
लिस्ट ए करियर: 20 मैच, 25 विकेट
रणजी ट्रॉफी 2022 सीजन: 6 मैच, 30 विकेट (गुजरात के लिए सबसे ज्यादा)
उनकी गेंदबाजी की खासियत उनकी स्पिन और टर्न पर जबरदस्त पकड़ है। उत्तराखंड के खिलाफ इस मैच में उनकी गेंदबाजी का जलवा देखकर हर कोई दंग रह गया।
रणजी ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन
सिद्धार्थ देसाई का यह प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी के इतिहास का तीसरा सबसे बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन है। इससे पहले केवल दो गेंदबाज ही उनसे बेहतर प्रदर्शन कर पाए हैं।
अंशुल कंबोज (हरियाणा, 2024): 10 विकेट, 49 रन देकर
अंकित चौहान (मुंबई, 2012): 9 विकेट, 23 रन देकर
सिद्धार्थ देसाई (गुजरात, 2025): 9 विकेट, 36 रन देकर
आशीष जैदी (यूपी, 1999): 9 विकेट, 45 रन देकर
गुजरात के लिए ऐतिहासिक प्रदर्शन
गुजरात की रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सिद्धार्थ देसाई का प्रदर्शन सबसे बेहतरीन है। इससे पहले यह रिकॉर्ड राकेश ध्रुव के नाम था, जिन्होंने 31 रन देकर 8 विकेट लिए थे। चिंतन गाजा ने भी 40 रन देकर 8 विकेट लिए थे, लेकिन सिद्धार्थ ने 9 विकेट चटकाकर इन सभी को पीछे छोड़ दिया। यह प्रदर्शन गुजरात क्रिकेट के लिए गर्व का पल है।
रणजी में पारी में 9 विकेट लेना क्यों खास है?
क्रिकेट में एक पारी में 9 विकेट लेना बेहद मुश्किल होता है। कई गेंदबाज अपने करियर में 4 या 5 विकेट लेने को भी बड़ी उपलब्धि मानते हैं। लेकिन सिद्धार्थ ने अपने अनुभव, मेहनत और कौशल से यह कारनामा कर दिखाया। उनकी गेंदबाजी में स्पिन और फ्लाइट का जबरदस्त संयोजन था, जिसने बल्लेबाजों को अपनी गलतियों के लिए मजबूर किया।
सिद्धार्थ देसाई: भविष्य का सितारा
सिर्फ 24 साल की उम्र में सिद्धार्थ ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे यह साफ है कि वह आने वाले दिनों में गुजरात और भारतीय क्रिकेट का बड़ा सितारा बन सकते हैं। उनके पास लाइन-लेंथ पर बेहतरीन नियंत्रण है और बड़े मैचों में दबाव झेलने की क्षमता भी।
उनका यह प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दर्ज हो गया है और यह गुजरात क्रिकेट के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सिद्धार्थ देसाई भारतीय क्रिकेट टीम में भी अपनी जगह बनाएंगे और देश का नाम रोशन करेंगे।
आपका धन्यवाद!
0 टिप्पणियाँ