जो कोई नहीं कर पाया, वो कर दिखाया तिलक वर्मा ने – हारा हुआ मैच जीता इंडिया ने |
इंडिया की स्थिति और तिलक वर्मा का करिश्मा
इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में तिलक वर्मा ने वो कर दिखाया जो बड़े-बड़े खिलाड़ी करने में असफल रहे। इंग्लैंड ने 165 रन का लक्ष्य रखा था, जिसे टीम इंडिया ने 19.2 ओवर में 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया। लेकिन यह जीत इतनी आसान नहीं थी।
टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही। संजू सैमसन (5 रन), अभिषेक शर्मा (12 रन), सूर्यकुमार यादव (12 रन), और हार्दिक पांड्या (7 रन) जैसे धुरंधर बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गए। 78 रन पर ही भारत के 5 विकेट गिर चुके थे। ऐसा लग रहा था कि यह मैच हाथ से निकल जाएगा।
तिलक वर्मा की अविश्वसनीय पारी
तभी मैदान पर खड़े थे तिलक वर्मा, जो अंत तक नाबाद रहे। उन्होंने 55 गेंदों पर 72 रन बनाए, जिसमें 4 चौके और 5 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। उनका स्ट्राइक रेट 130 का रहा। तिलक ने ना सिर्फ टीम इंडिया की जीत की उम्मीदें जिंदा रखीं, बल्कि आखिरी ओवर में जाकर जीत को अपनी झोली में डाल लिया।
क्या खास बनाया इस पारी को?
1. कठिन परिस्थितियां: जब सभी बल्लेबाज फ्लॉप हो गए थे, तब तिलक वर्मा ने मोर्चा संभाला।
2. पिच पर संघर्ष: इस मैच में 20 बल्लेबाजों ने बैटिंग की, लेकिन कोई भी अर्धशतक नहीं लगा पाया, सिवाय तिलक वर्मा के।
3. मैच फिनिशिंग: उन्होंने अंत तक डटे रहकर टीम को जीत दिलाई, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़ी बात है।
तिलक वर्मा की हालिया फॉर्म
यह वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में लगातार दो शतक लगाए थे। चाहे विदेशी मैदान हो या घरेलू, तिलक वर्मा हर परिस्थिति में टीम के लिए मैच विनिंग प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं।
क्या तिलक वर्मा को चैंपियंस ट्रॉफी में मौका मिलना चाहिए?
तिलक वर्मा की इस पारी ने दिखा दिया कि वे बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं। ऐसे में फैंस और विशेषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या उन्हें आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में शामिल किया जाना चाहिए।
आपका क्या मानना है? क्या तिलक वर्मा को मौका मिलना चाहिए? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
तिलक वर्मा की इस शानदार पारी के लिए उन्हें सलाम!
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